Durga Chalisa PDF: दुर्गा चालीसा एक भक्तिमय स्तुति है, जो माँ दुर्गा की शक्ति, कृपा और गुणों का वर्णन करती है. इसमें 40 छंद (चौपाई) और दो प्रारंभिक और अंतिम दोहे शामिल हैं. इसे भक्त माँ दुर्गा की आराधना और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गाते या पढ़ते हैं.
Durga Chalisa PDF के रचयिता: दुर्गा चालीसा के रचयिता के बारे में निश्चित जानकारी उपलब्ध नहीं है. इसे पारंपरिक हिंदू भक्ति साहित्य का हिस्सा माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इसे किसी भक्त कवि या संत ने लिखा, जो माँ दुर्गा के प्रति असीम श्रद्धा रखते थे.
यह Durga Chalisa PDF हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखती है. Durga Chalisa PDF नवरात्रि और दुर्गा पूजा जैसे त्योहारों के दौरान प्रमुख रूप से पढ़ी जाती है. भक्त इसे अपने जीवन में सुख-शांति और माँ दुर्गा की कृपा पाने के लिए नियमित रूप से पढ़ते हैं.
इस Durga Chalisa PDF पढ़ने से व्यक्ति को शक्ति, साहस और जीवन की कठिनाइयों को दूर करने की प्रेरणा मिलती है. Durga Chalisa PDF माँ दुर्गा की महिमा का बखान करती है और उनके विभिन्न रूपों का वर्णन करती है, जो भक्तों के कष्टों को दूर करने के लिए है.
हमें पूरा विश्वास है की Durga Chalisa PDF पढ़ने से आपके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई होगी. Durga Chalisa PDF अपने दोस्तों और परिवारजनों के साथ जरुर शेयर करे.
Category | Details |
नाम | दुर्गा चालीसा |
भाषा | हिंदी |
प्रकार | हिन्दू भक्तिमय स्तुति |
देवी | माँ दुर्गा |
उद्देश्य | माँ दुर्गा की कृपा, आशीर्वाद और रक्षा प्राप्त करना |
संरचना | 40 चौपाई, प्रारंभिक और समापन दोहे के साथ |
समयावधि | लगभग 10–15 मिनट |
पढ़ने का समय | नवरात्रि या शुक्रवार को, प्रातःकाल या संध्या के समय |
Durga Chalisa In Hindi PDF
नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूं लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे।
दरश करत जन अति सुख पावे॥
तुम संसार शक्ति लै कीना।
पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
रूप सरस्वती को तुम धारा।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा।
परगट भई फाड़कर खम्बा॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।
श्री नारायण अंग समाहीं॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा।
दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
केहरि वाहन सोह भवानी।
लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै।
जाको देख काल डर भाजै॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला।
जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत।
तिहुंलोक में डंका बाजत॥
शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे।
रक्तबीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी।
जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा।
सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ संतन पर जब जब।
भई सहाय मातु तुम तब तब॥
अमरपुरी अरु बासव लोका।
तब महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो।
शक्ति गई तब मन पछितायो॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी।
जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावें।
रिपू मुरख मौही डरपावे॥
शत्रु नाश कीजै महारानी।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करो कृपा हे मातु दयाला।
ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।
जब लगि जिऊं दया फल पाऊं।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं॥
दुर्गा चालीसा जो कोई गावै।
सब सुख भोग परमपद पावै॥
देवीदास शरण निज जानी।
करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
॥ इति श्री दुर्गा चालीसा सम्पूर्ण ॥
Durga Chalisa Lyrics In Hindi PDF
दुर्गा चालीसा केवल एक भक्ति पाठ नहीं है, बल्कि यह हिंदू समाज की सांस्कृतिक धरोहर है. इसे पूरे भारत में विभिन्न भाषाओं में पढ़ा और गाया जाता है. नवरात्रि और दुर्गा पूजा के समय यह पाठ विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.
दुर्गा चालीसा के फायदे:
नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना: इसका नियमित पाठ घर और मन से नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है.
भय और बाधाओं का नाश: यह पाठ भक्तों को भय, शत्रुओं और जीवन की बाधाओं से मुक्त करता है.
साहस और आत्मविश्वास: माँ दुर्गा की स्तुति करने से साहस, आत्मविश्वास और धैर्य प्राप्त होता है.
समृद्धि और शांति: पाठ से मानसिक शांति, सुख और समृद्धि मिलती है.
सुरक्षा और आशीर्वाद: माँ दुर्गा के संरक्षण और कृपा से भक्तों को जीवन में सफलता और शांति मिलती है.
Durga Chalisa PDF Download
दोस्तों, हमने आपके लिए Durga Chalisa PDF बनाई है. जिसे आप डाउनलोड करके अपने मोबाइल में रख सकते है ताकि आप आसानी से Durga Chalisa PDF का पठान कर सके.
माँ दुर्गा सम्पूर्ण सृष्टि की रक्षक और पालनकर्ता हैं. साथ ही माँ दुर्गा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और उनके कष्टों को दूर करती हैं. Durga Chalisa माँ के उन स्वरूपों का वर्णन करता है, जिनसे उन्होंने असुरों का नाश किया.
In Last:
दोस्तों, Durga Chalisa PDF पाठ करने से व्यक्ति के मन और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. जीवन की कठिनाइयाँ, भय, और बाधाएँ दूर होती हैं. यह मन को शांति प्रदान करता है और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक है. माँ दुर्गा का आशीर्वाद शत्रुओं और बुरी शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है.
हमें आशा है आप Durga Chalisa PDF अपने दोस्तों और चाहने वालों के साथ शेयर करना नहीं भूलेंगे. माँ दुर्गा की कृपा आप पर सदा बरसती रहे. हमारे साथ जुड़े रहने के लिए आपका शुक्रिया.