Kali Chalisa: काली चालीसा एक पवित्र और भक्तिमय प्रार्थना है जो देवी काली को समर्पित है. देवी काली शक्ति और विनाश की देवी मानी जाती हैं, जो अपने भक्तों को भय और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करती हैं.
ये Kali Chalisa का सटीक इतिहास ज्ञात नहीं है, लेकिन यह भक्ति आंदोलन के दौरान रची गई मानी जाती है. Kali Chalisa के लेखक के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है, परंतु ऐसा माना जाता है कि इसे एक भक्त द्वारा माता काली की कृपा प्राप्त करने के लिए लिखा गया था.
यह Kali Chalisa 40 छंदों (चौपाई और दोहा) में रची गई है और Kali Chalisa का पाठ भक्तों को मानसिक शांति और आत्मिक बल प्रदान करता है. यह Kali Chalisa का पाठ करने से सभी प्रकार के भय, जैसे मानसिक, भौतिक और आध्यात्मिक भय समाप्त हो जाते हैं.
Kali Chalisa बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करती है. काली चालीसा का नियमित पाठ भक्त को आध्यात्मिक विकास की ओर ले जाता है. Kali Chalisa हिंदी और संस्कृत में लिखी गई है और आज भी प्राचीन भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
दोस्तों, Kali Chalisa का निरंतर पाठ करे और माँ काली की कृपा प्राप्त करे. काली चालीसा अपने दोस्तों और परिवारजनों के साथ जरुर शेयर करे. माँ की कृपा आप पर सदा बनी रहे.
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विषय | विवरण |
काली चालीसा क्या है? | यह 40 छंदों की एक भक्ति प्रार्थना है जो देवी काली को समर्पित है. |
महत्त्व | देवी काली की कृपा पाने और भय, नकारात्मक ऊर्जा व शत्रुओं से मुक्ति हेतु. |
भाषा | हिंदी और संस्कृत. |
पाठ का समय | सुबह और शाम के समय या विशेष अवसरों पर. |
पाठ के लाभ | मन की शांति, भय का नाश, आध्यात्मिक उन्नति और सकारात्मक ऊर्जा का विकास. |
विशेष दिन | अमावस्या, नवरात्रि, और शनिवार को पाठ विशेष रूप से प्रभावी. |
रचयिता | अज्ञात |
समय | मध्यकाल |
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Kali Chalisa Lyrics
॥ दोहा ॥
जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार ।
महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार ॥
॥ चौपाई ॥
अरि मद मान मिटावन हारी । मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ॥
अष्टभुजी सुखदायक माता । दुष्टदलन जग में विख्याता ॥
भाल विशाल मुकुट छवि छाजै । कर में शीश शत्रु का साजै ॥
दूजे हाथ लिए मधु प्याला । हाथ तीसरे सोहत भाला ॥4॥
चौथे खप्पर खड्ग कर पांचे । छठे त्रिशूल शत्रु बल जांचे ॥
सप्तम करदमकत असि प्यारी । शोभा अद्भुत मात तुम्हारी ॥
अष्टम कर भक्तन वर दाता । जग मनहरण रूप ये माता ॥
भक्तन में अनुरक्त भवानी । निशदिन रटें ॠषी-मुनि ज्ञानी ॥8॥
महशक्ति अति प्रबल पुनीता । तू ही काली तू ही सीता ॥
पतित तारिणी हे जग पालक । कल्याणी पापी कुल घालक ॥
शेष सुरेश न पावत पारा । गौरी रूप धर्यो इक बारा ॥
तुम समान दाता नहिं दूजा । विधिवत करें भक्तजन पूजा ॥12॥
रूप भयंकर जब तुम धारा । दुष्टदलन कीन्हेहु संहारा ॥
नाम अनेकन मात तुम्हारे । भक्तजनों के संकट टारे ॥
कलि के कष्ट कलेशन हरनी । भव भय मोचन मंगल करनी ॥
महिमा अगम वेद यश गावैं । नारद शारद पार न पावैं ॥16॥
भू पर भार बढ्यौ जब भारी । तब तब तुम प्रकटीं महतारी ॥
आदि अनादि अभय वरदाता । विश्वविदित भव संकट त्राता ॥
कुसमय नाम तुम्हारौ लीन्हा । उसको सदा अभय वर दीन्हा ॥
ध्यान धरें श्रुति शेष सुरेशा । काल रूप लखि तुमरो भेषा ॥20॥
कलुआ भैंरों संग तुम्हारे । अरि हित रूप भयानक धारे ॥
सेवक लांगुर रहत अगारी । चौसठ जोगन आज्ञाकारी ॥
त्रेता में रघुवर हित आई । दशकंधर की सैन नसाई ॥
खेला रण का खेल निराला । भरा मांस-मज्जा से प्याला ॥24॥
रौद्र रूप लखि दानव भागे । कियौ गवन भवन निज त्यागे ॥
तब ऐसौ तामस चढ़ आयो । स्वजन विजन को भेद भुलायो ॥
ये बालक लखि शंकर आए । राह रोक चरनन में धाए ॥
तब मुख जीभ निकर जो आई । यही रूप प्रचलित है माई ॥28॥
बाढ्यो महिषासुर मद भारी । पीड़ित किए सकल नर-नारी ॥
करूण पुकार सुनी भक्तन की । पीर मिटावन हित जन-जन की ॥
तब प्रगटी निज सैन समेता । नाम पड़ा मां महिष विजेता ॥
शुंभ निशुंभ हने छन माहीं । तुम सम जग दूसर कोउ नाहीं ॥32॥
मान मथनहारी खल दल के । सदा सहायक भक्त विकल के ॥
दीन विहीन करैं नित सेवा । पावैं मनवांछित फल मेवा ॥
संकट में जो सुमिरन करहीं । उनके कष्ट मातु तुम हरहीं ॥
प्रेम सहित जो कीरति गावैं । भव बन्धन सों मुक्ती पावैं ॥36॥
काली चालीसा जो पढ़हीं । स्वर्गलोक बिनु बंधन चढ़हीं ॥
दया दृष्टि हेरौ जगदम्बा । केहि कारण मां कियौ विलम्बा ॥
करहु मातु भक्तन रखवाली । जयति जयति काली कंकाली ॥
सेवक दीन अनाथ अनारी । भक्तिभाव युति शरण तुम्हारी ॥40॥
॥ दोहा ॥
प्रेम सहित जो करे, काली चालीसा पाठ ।
तिनकी पूरन कामना, होय सकल जग ठाठ ॥
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Kali Chalisa PDF
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काली चालीसा के पाठ के लाभ
मानसिक शांति और ध्यान की प्राप्ति.
जीवन में सकारात्मकता और आत्मविश्वास का संचार.
बुरी शक्तियों और नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति.
आध्यात्मिक जागरूकता और प्रगति.
कठिन परिस्थितियों में साहस और धैर्य की प्राप्ति.
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In Last
माँ काली की आराधना और Kali Chalisa का पाठ जीवन में अद्भुत परिवर्तन ला सकता है. यह न केवल हमारी आत्मा को शुद्ध करता है बल्कि हमें साहस और शक्ति भी प्रदान करता है.
अगर आप अपने जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा चाहते हैं, तो माँ काली की उपासना करें और नियमित रूप से Kali Chalisa का पाठ करें. हमारे साथ जुड़े रहने के लिए आपका शुक्रिया.
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