Siddha Kunjika Stotram: सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् हिंदू धर्म में देवी दुर्गा की उपासना का एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है. इसे “दुर्गा सप्तशती की कुंजी” माना जाता है, जो भक्तों को देवी की कृपा, सुरक्षा और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है.
यह Siddha Kunjika Stotram विशेष रूप से देवी दुर्गा के भक्तों के बीच प्रसिद्ध है और इसे नवरात्रि, दुर्गा पूजा, या किसी भी धार्मिक अवसर पर भक्ति भाव से पाठ किया जाता है.
Siddha Kunjika Stotram नियमित पाठ से नकारात्मक ऊर्जा, भूत-प्रेत बाधा, और शत्रुओं से रक्षा होती है. ख़ास कर नवरात्रि में इसका पाठ विशेष फलदायी माना जाता है.
यह Siddha Kunjika Stotram देवी दुर्गा के बीज मंत्रों का संकलन है, जिससे साधक को देवी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है. इसे सिद्ध करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति, समृद्धि, और सुरक्षा की प्राप्ति होती है.
Siddha Kunjika Stotram का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से सुबह का समय उत्तम माना जाता है. इसे 108 बार जाप करना शुभ माना जाता है, लेकिन समय की कमी होने पर इसे 3, 5, या 9 बार भी पढ़ सकते हैं.
यह Siddha Kunjika Stotram साधक को जीवन में सफलताओं और सिद्धियों की प्राप्ति करता है. यह मानसिक और शारीरिक रोगों से मुक्ति दिलाता है. देवी दुर्गा की विशेष कृपा से साधक को हर संकट से सुरक्षा मिलती है.
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विषय | महत्वपूर्ण जानकारी |
स्तोत्र का नाम | सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् (Siddha Kunjika Stotram) |
रचयिता | मार्कंडेय ऋषि |
रचना काल | लगभग 4वीं-6वीं शताब्दी ईसा पूर्व |
भाषा | संस्कृत |
मुख्य विषय | देवी दुर्गा/चंडी की स्तुति, उनकी शक्ति और कृपा प्राप्त करने के लिए मंत्र-स्तोत्र. |
अर्थ | “कुंजिका” अर्थात “कुंजी”, जो रहस्यमयी शक्तियों को खोलती है. |
संबंधित ग्रंथ | दुर्गा सप्तशती (मार्कंडेय पुराण का अंश). |
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Siddha Kunjika Stotram Lyrics
|| शिव उवाच ||
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि, कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ।
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत ॥1॥
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।
न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम् ॥2॥
कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।
अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् ॥3॥
गोपनीयं प्रयत्नेनस्वयोनिरिव पार्वति ।
मारणं मोहनं वश्यंस्तम्भनोच्चाटनादिकम् ।
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत्कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥4॥
॥ अथ मन्त्रः ॥
ॐ ऐं ह्रीं क्लींचामुण्डायै विच्चे ॥
ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालयज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वलहं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥
॥ इति मन्त्रः ॥
नमस्ते रूद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि ।
नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥1॥
नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिनि ।
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरूष्व मे ॥2॥
ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका ।
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते ॥3॥
चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी ।
विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मन्त्ररूपिणि ॥4॥
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥5॥
हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी ।
भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः ॥6॥
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं ।
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ॥7॥
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।
सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धिं कुरुष्व मे ॥8॥
इदं तु कुञ्जिकास्तोत्रंमन्त्रजागर्तिहेतवे ।
अभक्ते नैव दातव्यंगोपितं रक्ष पार्वति ॥
यस्तु कुञ्जिकाया देविहीनां सप्तशतीं पठेत् ।
न तस्य जायतेसिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥
॥ इति श्रीरुद्रयामले गौरीतन्त्रे शिवपार्वतीसंवादे कुञ्जिकास्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
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Siddha Kunjika Stotram PDF
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सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् के लाभ
शक्तिशाली प्रभाव: सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् का जाप व्यक्ति के जीवन में अद्वितीय परिवर्तन ला सकता है और उन्हें हर प्रकार की शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है।
रोग और समस्याओं से मुक्ति: Siddha Kunjika Stotram मानसिक तनाव, कष्ट, और समस्याओं को दूर करता है.
सिद्धि की प्राप्ति: Siddha Kunjika Stotram के नियमित पाठ से साधक को सिद्धि की प्राप्ति होती है और वह अपनी आध्यात्मिक यात्रा में सफलता प्राप्त करता है.
शांति और समृद्धि: Siddha Kunjika Stotram जीवन में शांति, समृद्धि, और सुख-शांति का संचार करता है.
रक्षा और सुरक्षा: सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् का जाप व्यक्ति को हर प्रकार की शत्रु से बचाता है और सुरक्षा प्रदान करता है.
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सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् एक शक्तिशाली साधना है, जो देवी दुर्गा की भक्ति और साधना को सरल और प्रभावशाली बनाती है. यह स्तोत्र साधक को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति दिलाता है.
यदि आप अपने जीवन में समस्याओं से जूझ रहे हैं या देवी दुर्गा का आशीर्वाद चाहते हैं, तो सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् का पाठ आपके लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है.
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