Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics: आरती कुंजबिहारी की भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित एक प्रसिद्ध आरती है, जो हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखती है. इस आरती का गान श्रीकृष्ण की पूजा के अंत में किया जाता है, जहां भक्त उनके प्रति अपनी श्रद्धा और प्रेम व्यक्त करते हैं.
यह Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य गुणों का वर्णन करती है और उनकी बाल-लीलाओं, सौंदर्य और दयालुता को महिमामंडित करती है. इस आरती के रचयिता के बारे में कोई सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है, क्योंकि यह एक पारंपरिक भक्ति गीत है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी प्रचलित है.
“कुंजबिहारी” नाम भगवान श्रीकृष्ण का एक प्रिय संबोधन है, जो उन्हें वृंदावन की कुंज-गलियों (वनों) में विहार करने वाले के रूप में दर्शाता है. Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics का उद्देश्य है भक्तों का अपने ईश्वर के प्रति समर्पण व्यक्त करना और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना है.
यह Aarti Kunj Bihari Ki प्रायः श्रीकृष्ण की पूजा के अंत में गाई जाती है. विशेष रूप से यह जन्माष्टमी, राधाष्टमी, गोपाष्टमी, और अन्य श्रीकृष्ण से संबंधित उत्सवों के समय गाई जाती है.
वृंदावन, मथुरा और इस्कॉन मंदिरों में Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics सामूहिक रूप से गाने की परंपरा है. भक्त Aarti Kunj Bihari के माध्यम से श्रीकृष्ण के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करते हैं और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना करते हैं.
यह Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics भक्तों को आध्यात्मिक शांति और सकारात्मकता प्रदान करती है. दोस्तों, भगवान कृष्ण की भक्ति में लीं हो जाए और उनकी कृपा प्राप्त करे.
Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ जरुर शेयर करे. आपके प्रश्न, सुझाव और सलाह हमें Contact Us पर जरुर लिख भेजे. हामरे साथ जुड़े रहने के लिए आपका शुक्रिया. राधे राधे!
विषय | महत्वपूर्ण जानकारी |
आरती का नाम | आरती कुंजबिहारी की (Aarti Kunj Bihari Ki) |
भाषा | हिंदी |
प्रकार | आरती (भक्ति गीत) |
समर्पित | भगवान श्रीकृष्ण (कुंजबिहारी) |
रचनाकार | अज्ञात |
मुख्य उद्देश्य | भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान करना और उनकी आराधना करना. |
प्रमुख पंक्तियां | “आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।” |
गायन समय | प्रायः श्रीकृष्ण की पूजा और आराधना के समय, विशेषकर आरती के समय. |
महत्व | भक्त भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपनी श्रद्धा और प्रेम व्यक्त करते हैं. |
संबंधित पर्व/त्यौहार | जन्माष्टमी, गोपाष्टमी, राधाष्टमी, और अन्य श्रीकृष्ण से संबंधित उत्सव. |
ये भी जरुर पढ़े: Krishna Chalisa | कृष्णा चालीसा | Krishna Chalisa Lyrics
Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics In Hindi
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
ये भी जरुर पढ़े: Laxmi Ji Ki Aarti | लक्ष्मी जी की आरती | Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics
Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics PDF
दोस्तों, हमने आपके लिए Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics PDF तैयार किया है. इसे अपने मोबाईल में जरुर डाउनलोड करे. बांके बिहारी आपकी हर मनोकामना जल्द पूरी करे. आप आगे बढे.
आरती कुंजबिहारी की के लाभ
मानसिक शांति: Aarti Kunj Bihari Ki को गाने या सुनने से मन को शांति और स्थिरता मिलती है
ईश्वर से जुड़ाव: भगवान श्रीकृष्ण के प्रति गहरी भक्ति और जुड़ाव महसूस होता है.
सकारात्मक ऊर्जा: Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है और नकारात्मकता को दूर करती है.
आध्यात्मिक उन्नति: आत्मा को शुद्ध करती है और आध्यात्मिक संतोष प्रदान करती है.
खुशहाली और संतुलन: जीवन में शांति, खुशहाली और संतुलन लाने में मदद करती है.
संस्कारों का विकास: परिवार और बच्चों में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देती है.
ये भी जरुर पढ़े: Hanuman Aarti | हनुमान आरती | Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics
In Last
आरती कुंजबिहारी की एक प्रसिद्ध भक्तिकाव्य है जो भगवान श्री कृष्ण की पूजा में गाया जाता है. इस आरती में भगवान श्री कृष्ण के विभिन्न रूपों की प्रशंसा की जाती है और उनके प्रति श्रद्धा, भक्ति, और प्रेम व्यक्त किया जाता है.
विशेष रूप से, “कुंजबिहारी” शब्द श्री कृष्ण के गोकुलवास, उनके बृज में रहने वाले रूप का संकेत करता है, जहां वे राधा के साथ लीलाएं करते थे. इस आरती में भगवान के सौंदर्य और उनके दिव्य गुणों की सराहना की जाती है.
आरती कुंजबिहारी की को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे. हमारे साथ जुड़े रहे. राधे राधे
ये भी जरुर पढ़े: Ganesh Ji Ki Aarti | गणेश जी की आरती | Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics