Gayatri Chalisa: गायत्री चालीसा एक प्रसिद्ध भक्ति गीत है, जो माता गायत्री की स्तुति में रचा गया है. गायत्री माता को वेदों की जननी, ज्ञान और प्रकाश की देवी के रूप में पूजा जाता है.
गायत्री मंत्र और Gayatri Chalisa का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और ज्ञान का संचार होता है. Gayatri Chalisa को एक साधक की प्रार्थना माना जाता है, जिसमें वह माता से कृपा, मार्गदर्शन और जीवन में उन्नति की कामना करता है.
Gayatri Chalisa हिंदू धर्म में सबसे प्रसिद्ध भक्ति रचनाओं में से एक है. यह 40 छंदों (चालीसा) में देवी गायत्री की महिमा और उनकी कृपा प्राप्त करने का सरल उपाय बताती है.
गायत्री चालीसा का नियमित पाठ मन को शांत करता है और तनाव व अशांति को दूर करता है. गायत्री माता की कृपा से व्यक्ति के जीवन में धन, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है.
Gayatri Chalisa का पाठ भक्तों को मानसिक शांति, आत्मिक शक्ति और जीवन में सफलता प्रदान करता है. Gayatri Chalisa माता गायत्री की कृपा प्राप्त करने का सरल और प्रभावशाली माध्यम है.
जो व्यक्ति नियमित रूप से Gayatri Chalisa का पाठ करता है, उसे सभी दुखों और कष्टों से मुक्ति मिलती है. दोस्तों, Gayatri Chalisa का निरंतर पाठ करे और गायत्री माता की कृपा प्राप्त करे.
आपके प्रश्न, सुझाव हमें Contact Us पे लिख भेजे. गायत्री चालीसा अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ जरुर शेयर करे. हमारे साथ जुड़े रहने के लिए आपका शुक्रिया.
विषय | महत्वपूर्ण जानकारी |
नाम | गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa) |
रचनाकार | अज्ञात |
भाषा | हिंदी |
विषय | गायत्री माता की स्तुति और उनकी महिमा का वर्णन |
देवी | देवी गायत्री |
पाठ का समय | प्रातःकाल या संध्या समय |
सम्बंधित ग्रंथ | गायत्री मंत्र (ऋग्वेद से) |
ये भी जरुर पढ़े: Hanuman Chalisa In Hindi | हनुमान चालीसा हिंदी में
Gayatri Chalisa Lyrics
ह्रीं, श्रीं क्लीं मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचंड ॥
शांति क्रांति, जागृति प्रगति रचना शक्ति अखंड ॥1॥
जगत जननि मंगल करनि गायत्री सुख धाम ।
प्रणवों सावित्री, स्वधा स्वाहा पूरन काम ॥2॥
भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी ।
गायत्री निज कलिमल दहनी ॥॥
अक्षर चौबीस परम पुनीता ।
इनमें बसे शास्त्र श्रुति गीता ॥॥
शाश्वत सतोगुणी सतरूपा ।
सत्य सनातन सुधा अनूपा ॥॥
हंसारूढ़ श्वेतांबर धारी ।
स्वर्ण कांति शुचि गगन-बिहारी ॥॥
पुस्तक, पुष्प, कमण्डलु, माला ।
शुभ्र वर्ण तनु नयन विशाला ॥॥
ध्यान धरत पुलकित हिय होई ।
सुख उपजत दुख-दुरमति खोई ॥॥
कामधेनु तुम सुर तरु छाया ।
निराकार की अद्भुत माया ॥॥
तुम्हारी शरण गहै जो कोई ।
तरै सकल संकट सों सोई ॥॥
सरस्वती लक्ष्मी तुम काली ।
दिपै तुम्हारी ज्योति निराली ॥॥
तुम्हारी महिमा पार न पावैं ।
जो शारद शत मुख गुन गावैं ॥॥
चार वेद की मात पुनीता ।
तुम ब्रह्माणी गौरी सीता ॥॥
महामंत्र जितने जग माहीं ।
कोउ गायत्री सम नाहीं ॥॥
सुमिरत हिय में ज्ञान प्रकासै ।
आलस पाप अविद्या नासै ॥॥
सृष्टि बीज जग जननि भवानी ।
कालरात्रि वरदा कल्याणी ॥॥
ब्रह्मा विष्णु रुद्र सुर जेते ।
तुम सों पावें सुरता तेते ॥॥
तुम भक्तन की भक्त तुम्हारे ।
जननिहिं पुत्र प्राण ते प्यारे ॥॥
महिमा अपरम्पार तुम्हारी ।
जय जय जय त्रिपदा भयहारी ॥॥
पूरित सकल ज्ञान विज्ञाना ।
तुम सम अधिक न जग में आना ॥॥
तुमहिं जानि कछु रहै न शेषा ।
तुमहिं पाय कछु रहै न क्लेशा ॥॥
जानत तुमहिं तुमहिं ह्वैजाई ।
पारस परसि कुधातु सुहाई ॥॥
तुम्हारी शक्ति दिपै सब ठाई ।
माता तुम सब ठौर समाई ॥॥
ग्रह नक्षत्र ब्रह्मांड घनेरे ।
सब गतिवान तुम्हारे प्रेरे ॥॥
सकल सृष्टि की प्राण विधाता ।
पालक, पोषक, नाशक, त्राता ॥॥
मातेश्वरी दया व्रत धारी ।
तुम सन तरे पातकी भारी ॥॥
जा पर कृपा तुम्हारी होई ।
तापर कृपा करें सब कोई ॥॥
मंद बुद्धि ते बुद्धि बल पावै ।
रोगी रोग रहित हो जावैं ॥॥
दरिद मिटे, कटे सब पीरा ।
नाशै दुख हरै भव भीरा ॥॥
गृह क्लेश चित चिंता भारी ।
नासै गायत्री भय हारी ॥॥
संतति हीन सुसंतति पावें ।
सुख संपत्ति युत मोत मनावें ॥॥
भूत पिशाच सबै भय खावें ।
यम के दूत निकट नहिं आवें ॥॥
जो सधवा सुमिरे चित लाई ।
अछत सुहाग सदा सुखदाई ॥॥
घर वर सुख प्रद लहैं कुमारी ।
विधवा रहें सत्यव्रत धारी ॥॥
जयति जयति जगदंब भवानी ।
तुम सम ओर दयालु न दानी ॥॥
जो सतगुरु सों दीक्षा पावें ।
सो साधन को सफल बनावें ॥॥
सुमिरन करें सुरूचि बड़ भागी ।
लहै मनोरथ गृही विरागी ॥॥
अष्ट सिद्धि नवनिधि की दाता ।
सब समर्थ गायत्री माता ॥॥
ऋषि, मुनि, यति, तपस्वी, योगी ।
आरत, अर्थी, चिंतन, भोगी ॥॥
जो जो शरण तुम्हारी आवै ।
सो सो मन वांछित फल पावेै ॥॥
बल, बुद्धि, विद्या, शील, स्वभाऊ ।
धन, वैभव, यश, तेज, उछाऊ ॥॥
सकल बढ़े उपजें सुख नाना ।
जे यह पाठ करै धरि ध्याना ॥
|| दोहा ||
यह चालीसा भक्ति युत, पाठ करें जो कोय ।
तापर कृपा प्रसन्नता गायत्री की होय ॥
ये भी जरुर पढ़े: Hanuman Bahuk | हनुमान बाहुक | Hanuman Bahuk Lyrics
Gayatri Chalisa PDF
आधुनिक जीवन की भागदौड़ और तनाव में Gayatri Chalisa एक आध्यात्मिक ढाल की तरह काम करती है. यह न आपको आंतरिक शक्ति देती है, और सफलता के लिए मानसिक धैर्य भी प्रदान करती है. गायत्री चालीसा को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और जीवन को खुशहाल करे.
गायत्री चालीसा PDF को अभी अपने मोबाइल में डाउनलोड करे.
गायत्री चालीसा का महत्व और लाभ
ज्ञान और बुद्धि का विकास: Gayatri Chalisa का पाठ करने से व्यक्ति की बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है। यह विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए अत्यंत लाभकारी है.
मन की शांति: Gayatri Chalisa का नियमित पाठ मन को शांत करता है और तनाव व अशांति को दूर करता है.
सुख और समृद्धि: गायत्री माता की कृपा से व्यक्ति के जीवन में धन, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है.
आध्यात्मिक जागरण: Gayatri Chalisa का पाठ व्यक्ति को आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करता है और उसकी आत्मा को शुद्ध करता है.
रोगों से मुक्ति: माता गायत्री की आराधना करने से शारीरिक और मानसिक बीमारियों से मुक्ति मिलती है.
ये भी जरुर पढ़े: Bajrang Baan Lyrics | बजरंग बाण लिरिक्स | Bajrang Baan Lyrics PDF
In Last
दोस्तों, गायत्री माता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए श्रद्धा, भक्ति और समर्पण के साथ Gayatri Chalisa का पाठ करें. यह आपके जीवन को सुख-समृद्धि और शांति से भर देगा.
Gayatri Chalisa अपने दोस्तों और चाहने वालों के साथ भी जरुर शेयर करे. हमारे साथ जुड़े रहे. गायत्री माता आपकी हर मनोकामना पूर्ण करे.
ये भी जरुर पढ़े: Hanuman Aarti | हनुमान आरती | Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics