Laxmi Ji Ki Aarti: माँ लक्ष्मी को धन, समृद्धि, और सौभाग्य की देवी माना जाता है. यह Laxmi Ji Ki Aarti करना भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है और उनके जीवन में सुख और समृद्धि भी लाता है.
Laxmi Ji Ki Aarti एक प्राचीन पारंपरिक भजन है. यह सटीक रूप से ज्ञात नहीं है कि इसे किसने लिखा, लेकिन इसे सदियों से भक्ति परंपरा का हिस्सा माना गया है.
इस Laxmi Ji Ki Aarti का हर शब्द माँ लक्ष्मी की महिमा का गुणगान करता है और उनके प्रति भक्तों की भक्ति और श्रद्धा को प्रकट करता है. Laxmi Ji Ki Aarti करने से मानसिक शांति और सकारात्मकता बढ़ती है.
साथ ही यह Laxmi Ji Ki Aarti जीवन में आर्थिक स्थिरता और समृद्धि का आशीर्वाद लाती है. यह Laxmi Ji Ki Aarti करने से परिवार में प्रेम और सौहार्द का वातावरण बनता है.
Laxmi Ji Ki Aarti केवल एक भक्ति गीत नहीं है, यह माँ लक्ष्मी के प्रति भक्तों की श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है. इसे श्रद्धा और नियम के साथ करने से जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति आती है. माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए नियमित रूप से माँ लक्ष्मी की आरती करें और उनके गुणगान करें.
दोस्तों, माँ लक्ष्मी की आरती हररोज करे और सुख, शान्ति और वैभव को पाए. माँ लक्ष्मी जी की आरती को अपने दोस्तों और परिवारजनों के साथ अचूक शेयर करे. आपके विचार, प्रश्न या फिर सुझाव हमें Contact Us पर जरुर लिख भजे.
विषय | विवरण |
नाम | लक्ष्मी जी की आरती |
देवी | माँ लक्ष्मी – धन, समृद्धि और सौभाग्य की हिंदू देवी |
भाषा | हिंदी |
समय | प्रातःकाल और सायंकाल की पूजा के दौरान, विशेषकर शुक्रवार और दिवाली के दिन |
रचयिता | अज्ञात |
समय | लगभग 5-7 मिनट |
रचना का समय | उपलब्ध नहीं |
आरती के बोल | “ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता…” |
लाभ | समृद्धि और सौभाग्य लाता है. |
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Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥
पद्मालये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।
सर्वभूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
दुर्गा रुप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी, भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
जिस घर तुम रहती हो, ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता, पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥
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Laxmi Ji Ki Aarti PDF
दोस्तों, हमने आपके लिए माँ लक्ष्मी की आरती PDF तैयार किया है. इसे अपने मोबाइल में जरुर डाउनलोड करे. माँ लक्ष्मी की निरंतर पूजा करने से घर में पैसो की कमी नहीं रहती और वैभव मिलता है. इसे अभी डाउनलोड करे.
माँ लक्ष्मी की आरती के लाभ
माँ लक्ष्मी की आरती को दिवाली, नवरात्रि, और अन्य विशेष पर्वों के दौरान प्रमुखता से गाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि लक्ष्मी जी की आरती करने से:
- धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
- जीवन की बाधाएं और आर्थिक संकट दूर होते हैं.
- सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार होता है.
- भक्तों के जीवन में खुशहाली और संतुलन आता है.
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In Last
दोस्तों, माँ लक्ष्मी की आरती आपके जीवन में काफी बड़ा बदलाव ला सकती है. यदि श्रध्धा पूर्वक माँ लक्ष्मी की आरती की जाए तो माँ लक्ष्मी भक्तो की हर मनोकामना पूर्ण करती है.
माँ लक्ष्मी की आरती निरंतर श्रध्धा पूर्वक करे. माँ लक्ष्मी आपकी हर मनोकामना पूर्ण करे. आप जो चाहे वह मिले. इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे. हमारे साथ जुड़े रहने के लिए आपका शुक्रिया.
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