Namami Shamishan Lyrics | नमामी शमीशान निर्वाणरूपं लिरिक्स

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Namami Shamishan Lyrics: नमामी शमीशान भगवान शिव की स्तुति के लिए रचित श्री रुद्राष्टकम का आरंभिक श्लोक है. यह गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखा गया एक दिव्य और आध्यात्मिक रचना है. इसमें भगवान शिव के दिव्य गुण, उनकी महिमा और उनकी भक्ति के महत्व का वर्णन किया गया.

Namami Shamishan का शाब्दिक अर्थ है: मैं ईशान (भगवान शिव) को नमस्कार करता हूँ. यह Namami Shamishan श्लोक भगवान शिव की उनकी निर्वाण रूप, व्यापकता, और परम सत्य के स्वरूप की प्रशंसा करता है.

श्री रुद्राष्टकम को तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना के समय लिखा. Namami Shamishan Lyrics स्तुति में उन्होंने भगवान शिव को परम पिता और संसार के उद्धारकर्ता के रूप में चित्रित किया है. 

Namami Shamishan Lyrics का पाठ करने से मानसिक शांति और आत्मा की शुद्धि होती है. यह Namami Shamishan Lyrics व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग पर ले जाता है.

दोस्तों यह Namami Shamishan Lyrics का निरंतर पाठ करे और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करे. इसे अपने दोस्तों और परिवारजनों के साथ जरुर शेयर करे. आपके सुझाव और प्रश्न हमें Contact Us पर जरुर लिख भेजे. हमारे साथ जुड़े रहे. शिव शिव!

शीर्षकविवरण
मूल स्रोत“नमामी शमीशान” श्री रुद्राष्टकम का हिस्सा है, जो गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित है.
उद्देश्यभगवान शिव की स्तुति और उनके दिव्य गुणों का वर्णन.
भाषासंस्कृत
प्रमुख विषयभगवान शिव की भक्ति
संरचनाअष्टक (8 श्लोकों की रचना)
महत्वपूर्ण गुणशिव के निर्गुण, निराकार, अनंत और करुणामय रूप का वर्णन.
रचयितागोस्वामी तुलसीदास
पाठ के लाभमानसिक शांति, भक्ति में वृद्धि और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.
प्रमुख संदेशमोक्ष प्राप्ति
धार्मिक महत्वशिव की कृपा पाने का मार्ग दिखाता है और जीवन के कष्टों को दूर करने में सहायक है.

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Nanami Shamishan Nirvan Roopam Lyrics​

Nanami Shamishan Nirvan Roopam Lyrics​

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाशमाकाशवासं भजेहम् ॥

निराकारमोङ्करमूलं तुरीयं, गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकालकालं कृपालं, गुणागारसंसारपारं नतोहम् ॥

तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभिरं, मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा, लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ॥

चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि ॥

प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।
त्र्यःशूलनिर्मूलनं शूलपाणिं, भजेहं भवानीपतिं भावगम्यम् ॥

कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी, सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।
चिदानन्दसंदोह मोहापहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥

न यावद् उमानाथपादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं, प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं ॥

न जानामि योगं जपं नैव पूजां, नतोहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ।
जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं, प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ॥

रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये
ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषां शंभो प्रसीदति ॥

।। इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ॥

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Namami Shamishan Lyrics Hindi​

Namami Shamishan Lyrics Hindi​

मैं निर्वाणस्वरूप, परमेश्वर, ब्रह्मवेद में व्याप्त भगवान शिव को नमन करता हूँ।
मैं आकाश में निवास करने वाले अपने दिव्य,
अतीन्द्रिय, अहंकाररहित, चेतन आकाश की पूजा करता हूँ।

चौथा मूल निराकार मोनकार है, जो पर्वतों का स्वामी है, पर्वतों का स्वामी है।
मैं उस भयंकर, महान काल, दयालु, गुणों से परिपूर्ण जगत को नमन करता हूँ।

शरीर बर्फ से ढके पर्वत के समान श्वेत और गहरा है,
तथा उसमें लाखों मन-प्राणियों की प्रभा है।
स्फूरणमौलिकाल्लोलिनी चारुगंगा, लसाद्भलबलेंदु कण्ठे भुजंगा।

उसके कानों में हिलते हुए कान के कुंडल, भौंहें,
सुंदर आंखें, बड़ा, हंसमुख चेहरा, नीला गला और दयालुता थी।
मैं उन सबके स्वामी, मृगचर्म धारण करने वाले,
मुंडों की माला धारण करने वाले प्रिय भगवान शिव की पूजा करता हूँ।

वह प्रचण्ड, उत्कृष्ट, गौरवर्ण, प्रभु, अखण्ड,
अजन्मा, करोड़ों सूर्यों के समान तेजवान।
मैं उन देवी के स्वामी की पूजा करता हूँ, जो तीन त्रिशूलों को नष्ट करने वाले हैं,
जो अपने हाथ में त्रिशूल धारण करते हैं, जो भावना से प्राप्त होने योग्य हैं।

कलातितकल्याणां कल्पान्तकारी, सदा सज्जनानन्ददाता पुरारि।
चिदानन्दसन्दोहा मोहि दया करो, दया करो, प्रभु मन्मथरी।

जब तक इस लोक में या परलोक में मनुष्य उमानाथ के चरणकमलों की पूजा नहीं करता।
इतना भी सुख नहीं, शांति नहीं, दुख का नाश नहीं, दया करो हे प्रभु, सब प्राणियों के धाम।

हे प्रभु, मैं न तो योग जानता हूँ, न जप जानता हूँ, न पूजा जानता हूँ,
इसलिए मैं आपको सदैव नमस्कार करता हूँ।
हे शम्भो! बुढ़ापे और जन्म के कष्टों से पीड़ित इस संकट में मेरी रक्षा करो।

इस रुद्राष्टकम का पाठ ब्राह्मण ने आनंद प्राप्ति के लिए किया था।
जो लोग भक्ति भाव से इसका पाठ करते हैं, भगवान शिव उन पर प्रसन्न होते हैं।

।। यह श्री गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित सम्पूर्ण श्री रुद्राष्टकम् है।

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Namami Shamishan Lyrics In English​

Namami Shamishan Lyrics In English​

Namamishamishana Nirvana Rupam,
Vibhum Vyapakam Brahmaveda Swarupam |

Nijam Nirgunam Nirvikalpam Niriham,
Chidakasamakasha Vasam Bhajeham ||

Nirakaram Onkaramulam Turiyam,
Gira Gyan Goatitam Eesham Girisham |

Karalam Mahakaal Kalam Kripalam,
Gunagara Samsara Param Nato’ham ||

Tusharadri Sankasha Gauram Gabhiram,
Manobhut Koti Prabha Shree Shariram |

Sphuran Mouli Kallolini Charu Ganga,
Lasadbhala Balendu Kanthhe Bhujanga ||

Chalat Kundalam Bhru Sunetram Vishalam,
Prasannananam Nilakanthham Dayalam |

Mrigadhisha Charmambaram Mundamalam,
Priyam Shankaram Sarvanatham Bhajami ||

Prachandam Prakrishtam Pragalbham Paresham,
Akhandam Ajam Bhanu Koti Prakasham |

Tryahshul Nirmulanam Shulapanim,
Bhajeham Bhavanipatim Bhavagamyam ||

Kalatita Kalyana Kalpanta Kari,
Sada Sajjanananda Data Purari |

Chidananda Sandoh Mohapahari,
Prasida Prasida Prabho Manmathari ||

Na Yavad Umanatha Padaravindam,
Bhajantiha Loke Pare Va Naranam |

Na Tavat Sukham Shanti Santapanasham,
Prasida Prabho Sarvabhutadhivasam ||

Na Janami Yogam Japam Naiva Pujam,
Natoham Sada Sarvada Shambhutubhyam |

Jarajanma Duhkhaugha Tatapya Manam,
Prabho Pahi Aapannamamisha Shambho ||

Rudrashtakam Idam Proktam Viprena Harshataye,
Ye Pathanti Nara Bhaktyam Tesham Shambho Prasidati ||

Iti Shri Goswami Tulasi Das Kritam Shri Rudrashtakam Sampurnam.

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Namami Shamishan Lyrics PDF

Namami Shamishan Lyrics PDF

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Namami Shamishan पाठ करने के लाभ:

  • मन को शांति और सुकून मिलता है.

  • नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है.

  • शिव भक्तों को उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है.

  • जीवन के कष्टों और दुखों से मुक्ति मिलती है.

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In Last

दोस्तों, भगवान शिव अपने भक्तों पर सहज कृपा करते हैं. Namami Shamishan Lyrics श्लोक का पाठ करने से उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है. भगवान शिव, जो मोक्षदाता हैं, उनकी स्तुति करने से जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है.

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